सफेद गिद्ध पक्षी विलुप्त हो चुका है संकट ग्रस्त रेड लिस्ट में शामिल हैं
संकट ग्रस्त रेड लिस्ट में शामिल हैं
सफ़ेद गिद्ध पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो पहले पश्चिमी अफ़्रीका से लेकर उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में काफ़ी तादाद में पाया जाता था किन्तु अब इसकी आबादी में बहुत गिरावट आयी है और इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने संकटग्रस्त घोषित कर दिया है। भारत में जो उपप्रजाति पाई जाती है
जैसलमेर कै क्षेत्र में अभी ईसकी संख्या अच्छी है लेकिन ईन हाईटेंशन लाईनों से टकरा कर खत्म हो रहै है आज देगराय ओरण रासला के पास लाईन से टकरा कर दो पक्षियों की मौत हो गई है घायल अवस्था में देख कर प्यारे खा जोगराजसिंह ने प्रयावरण प्रेमी सुमेर सिंह भाटी सावता को दी वह तुरंत मौके पर पहुंचे ओर वनविभाग को सुचित किया लेकिन थोङी देर तङफने के बाद मृत्यु हो गई
भाटी ने बताया की यह सफैद गिद्ध यहां विचरण करते हैं क्षेत्र में मृत पशुओं को खाते हैं ओर ईन हाईटेंशन लाईनों कै कारण हमैशा खत्म हो रहै है
निरंतर यहां पक्षियों की आवक कै कारण बहुत खुशी भी है लेकिन जब आंखों कै सामने तङफता देखकर वन्यजीव प्रेमियों को दर्द भी बहुत होता है
सुप्रीम कोर्ट कै आदेश भी जारी किए गए थे लाईनों को अन्डरग्राऊडं करवाया जाएगा या फिर जहां पक्षियों की संख्या ज्यादा है उस जगह को सुरक्षित किया जाएगा वह नहीं हो रहा है जहां इन सफैद गिद्ध की संख्या है वहां से लाईनों की हरी झंडी दिखाकर कार्य शुरू कर दिया है भाटी ने बताया की वनविभाग जैसलमेर को इस और ध्यान देकर विचरण क्षेत्र को जरुर बचाने में आगे आए अभी 765 kv की लाईन का कार्य विचरण क्षेत्र में किया जा रहा है वन्यजीव संरक्षण पर कार्य करने वाली संस्थाओं ने मोन धारण कर लिया है इसलिए पक्षियों को बचाने का खतरा मंडरा रहा है हमे जल्द इनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाना पड़ेगा नही तो जैसलमेर में भी ये प्रजाति विलुप्त हो जायेगी ,


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