राजश्री दयालदास का शौर्य स्मृति समारोह सम्पन्न

 


बडोड़ा गाँव से पश्चिम में स्थिति ऐतिहासिक छतरी पर उनका शौर्य दिवस समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ। महारावल चैतन्यराज सिंह, आशरी मठ के मठाधीश तिलोकनाथ, महादेव पूरी, विक्रम सिंह नाचना के मुख्य आतिथ्य में समारोह का आरम्भ छतरी के पूजन के साथ हुआ। भोजराज सिंह तेजमालता ने प्रार्थना व पदम सिंह ओसियाँ ने सहगीत 'बिछुड़े हुए बुलाकर...' प्रस्तुत किया। सुरेंद्र सिंह ने राजश्री का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राजश्री दयालदास खेतसिंहोत की यह छतरी 1655 में उनके पुत्र महारावल सबल सिंह द्वारा बनाई गई। उनके वशंजों के 50 से अधिक ठिकाने रहे है। छतरी के सम्बंध में हुई प्रगति का प्रतिवेदन का तनेराव सिंह द्वारा वाचन किया गया।


 श्री क्षत्रिय युवक संघ की ओर से आयोजित समारोह में गणपत सिंह अवाय ने संघ, समाज व समारोह पर अपनी बात रखी। महारावल चैतन्य राज सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह में बडोड़ा गाँव, डांगरी, राजगढ़, ओला, पिथला, लखासर, संग्रामसर, ओसियाँ, बीकमकोर, लोहारकी, पली, अवाय, मूलाना, जेरात, जावन्ध, थैयात आदि गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए। समारोह में आगन्तुकों हेतु प्रसादी व जलपान की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम का संचालन रतनसिंह व नरपतसिंह द्वारा किया गया।

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