खत्री समाज की मातृशक्ति एवं बालिकाओं ने सामूहिक तीज पूजन कर मनाया तीज का त्यौहार
कजली तीज के अवसर पर महिलाएं अमर सुहाग व बालिकाएं अच्छे वर की कामना के लिए व्रत रख कर तीज का त्यौहार मनाया
चांद देखने के बाद सतु खाकर खोला कजली तीज का व्रत
श्री ब्रह्मक्षत्रिय खत्री समाज महिला मंडल जैसलमेर द्वारा आयोजित शनिवार को हिंगलाज मंदिर गांधी कॉलोनी खत्री समाज भवन में कजली तीज का सामूहिक पूजन धूमधाम से मनाया, पिछले तीन वर्षों से हो रहे इस सामाजिक सामूहिक पूजन को लेकर समाज की महिलाओं व बालिकाओं में उत्साह दिखाई दिया दिन भर उपवास के बावजूद त्योहार के प्रति उनका क्रेज देखते ही बन रहा था। आकर्षक वेशभूषा व गहनों से सुसज्जित होकर महिलाएं दिन भर मंदिरों के दर्शन किये खत्री समाज भवन में समाज की मातृशक्ति व बालिकाओं ने सामूहिक तीज पूजन किया व बात सुनी सामूहिक पूजा में एकता का प्रतीक देखा,
महिला मंडल अध्यक्ष उषा अनिल भूत एवं उपाध्यक्ष गीता भूत ने बताया कि कजली तीज को बड़ी तीज भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इसका महत्व बहुत ज्यादा है जिसके चलते हर महिला व बालिग लड़कियां इस पर्व को मनाती है। कई नन्ही बालिकाएं ने तीज का व्रत रखा, गड़ीसर पर तीज का मेला भरा गया समाज की महिलाएं, बालिकाएं गड़ीसर पहुंची। रात को निकले चांद के दर्शन व विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद तीजणियों ने व्रत खोला। तीज का व्रत तीजणियां सतू खाकर खोलती है। चंद्र दर्शन के बाद प्रत्येक घर की महिलाएं एकत्र होकर आक के पत्तों पर सतू रखकर व्रत खोलती है। इसके लिए पहले से आक के पत्ते लाए जाते हैं जिन्हें पानी से साफ कर लिया जाता है। इस व्रत में सतू के अलावा फल फ्रूट आदि भी खाया जाता है। उसके अलावा महिलाएं व्रत खोलते वक्त कुछ नहीं खाती है। तीजणियों में झूले भी झूले जाते है व तीज के दिन झूले झूलने की भी परंपरा है। इस दिन महिलाएं हिंगलाज मंदिर, मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, पार्कों व कई घरों में लगे झूलों पर झूलती है।
श्री ब्रह्मक्षत्रिय समाज, महिला मंडल जैसलमेर



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