शांति निकेतन स्कूल - अणुुव्रत उद्बोधन सप्ताह, जीवन विज्ञान दिवस के रूप में मनाया
बालोतरा , अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंर्तगत आज शांति निकेतन इंग्लिश मीडियम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का सातवें दिन जीवन विज्ञान दिवस के रूप मनाया गया।
विद्यालय प्रवक्ता अयूब के. सिलावट ने बताया कि स्थानीय शांति निकेतन स्कूल में आज साध्वीश्री ज्ञान प्रभाजी एवं साध्वीश्री यशस्वी प्रभाजी के सानिध्य में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
साध्वीश्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए। विद्यार्थी के गुणों में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अनुशासन का पालन करके ही एक अच्छा विद्यार्थी बना जा सकता है। अच्छे विद्यार्थी को माता पिता, शिक्षकों, बड़ों की आज्ञा हमेशा पालन करना चाहिए। जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक हैं। अनुशासन भी एक प्रकार की विद्या अपनी दिनचर्या, रहन-सहन, सोच-विचार और अपने समस्त व्यवहार को व्यवस्थित करना ही अनुशासन है। अनुशासन का गुण बचपन में ही ग्रहण किया जाना चाहिए। अनुशासन जीवन के लिए परमावश्यक है तथा उसकी प्रथम पाठशाला है। अनुशासन के जरिए ही विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। अनुशासन विद्यार्थी को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है।
जीवन विज्ञान शिक्षा जगत का प्रकल्प है। शिक्षा के साथ-साथ जीवन में बहुमुखी विकास के निर्माण में जीवन विज्ञान बहुत उपयोगी है। यह समाज राष्ट्र परिवार में सुखद जीवन जीने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जीवन विज्ञान के प्रयोगों से व्यक्ति अपने जीवन में सुख समाधि एवं चित्त की निर्मलता का आभास प्राप्त कर सकता है। साध्वीश्री ने विद्यार्थियों को जीवन विज्ञान में योग का प्रयोग करवाया और संकल्पों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान की । जीवन विज्ञान विषय पर अपनी बात रखते हुए प्रायोगिक तौर पर प्रयोग कराये।
अणुव्रत समिति संरक्षक सी.ए. ओमप्रकाश बांठिया ने बताया कि जीवन विज्ञान की शिक्षा पद्धति से विद्यार्थी का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक रूप से सर्वांगीण, संतुलित विकास अच्छे से हो सकता है। जीवन जीने की सही कला अगर आ जाये तो जीवन सफल बन सकता है। जीवन विज्ञान अपने आप में जीवन जीने की कला है। आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ के इस क्रम को पुन: प्रारम्भ कर नए ढंग से जीवन जीने का सुचारू मार्ग प्रशस्त किया है।
स्कूल प्राचार्या सुधा मदान ने कहा कि जीवन विज्ञान को समझना आवश्यक है। इसके आधार पर विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कर जीवन को संवारने का कार्य करना चाहिए। अणुव्रत को अपनाकर हम अपने जीवन को सुख व शांतिमय बना सकते हैं ।
कार्यक्रम में अणुव्रत समिति अध्यक्ष अशोक सालेचा, जवेरीलाल सालेचा, पवन बालड़, महेंद्र, मेहता, नवीन सालेचा, स्कूल ट्रस्टी ओमप्रकाश चोपडा, ट्रस्टी प्रकाश बालड़, देवी बाई छाजेड़, ममता गोलेच्छा, मीना ओस्तवाल मौजूद रहे l


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