एकदिवसीय सीपीआर ट्रेनिंग कार्यशाला:स्टूडेंट को डेमो देकर CPR तकनीक का दिया प्रशिक्षण, कहा- CPR से बचाई जा सकती है लोगों की जान
बालोतरा , स्थानीय शांति निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एकदिवसीय सीपीआर ट्रेंनिंग कार्यशाला का आयोजन भारत के विख्यात सीपीआर मैन एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर के डॉक्टर राजेंद्र तातेड द्वारा किया गया जिसमें स्कूल के मीठालाल गौतम कुमार चेरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टीगण, भारत जैन महामंडल बालोतरा के पदाधिकारीगण, विद्यालय प्राचार्या, शिक्षक गण एवं विद्यार्थियों ने सीपीआर तकनीक का प्रशिक्षण लिया lवि
द्यालय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी अयूब के. सिलावट ने बताया की कार्यशाला में विद्यालय ट्रस्टी ओम प्रकाश चोपड़ा, भंवर लाल महेश्वरी, चंपालाल बालड, प्रकाश बालड़ भारत जैन महामंडल अध्यक्ष सीए ओमप्रकाश बांठिया, सचिव महेंद्र चोपड़ा, धर्मेश चोपड़ा, जवेरीलाल मेहता, दलपत जैन, सुरेश गोठी,विद्यालय प्राचार्या सुदा मदान सहित गणमान्य व्यक्ति, अभिभावको, शिक्षकों, छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
ओमप्रकाश बांठिया ने स्वागत भाषण में कहा कि सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। विषेशज्ञ प्रोफ़ेसर डा राजेंद्र तातेड ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने पर तो सबसे पहले और समय पर सीपीआर दे दिया जाये तो पीड़ित की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) से इमरजेंसी में किसी इंसान की जान बचाई जा सकती है। CPR यानी Cardiopulmonary Resuscitation एक ऐसी तकनीक है जिससे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आने पर किसी की जान बच सकती हैं।
आम जनता के बीच जीवन रक्षक कौशल और प्रशिक्षण की कमी भारत में मृत्युदर के अधिक होने का सबसे मुख्य कारण है। इसलिए युवाओं को जीवन रक्षक कौशल और प्रशिक्षण देना अति आवश्यक है। विद्यालय प्राचार्य सुदा मदान ने आभार ज्ञापित किया।


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