राइकाबाग से फुलेरा के बीच 250 किमी मार्ग पर दोहरीकरण हुआ पूरा
धर्मेन्द्र प्रजापत
-गोविंदी मारवाड़ से नावा रेलवे स्टेशनों के बीच 120 किमी की स्पीड से दौड़ी सीआरएस स्पेशल ट्रेन
जोधपुर,गोविंदी मारवाड़ से नावा सिटी रेलवे स्टेशनों के बीच शनिवार को सीआरएस स्पेशल ट्रेन से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार से सफल स्पीड ट्रायल के साथ ही राइकाबाग-फुलेरा रेल दोहरीकरण परियोजना पूरी हो गई है।
इस दोहरीकरण कार्य के पूरा होने से जोधपुर डबल लाइन से जयपुर से जुड़ गया है और अब ट्रेनें क्रॉसिंग में रुकेगी नही जिससे दूरियां और कम होगी। इसके साथ ही मालगाड़ियों का संचालन भी सुगम होगा।
वेस्टर्न सर्किल के संरक्षा आयुक्त आर के शर्मा ने शनिवार को एक दिन के निरीक्षण दौरे के तहत नावा सिटी पहुंचे थे जिन्होंने उत्तर पश्चिम रेलवे जोन व जोधपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेल दोहरीकरण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद देर शाम गोविंदी मारवाड़ से नावा सिटी रेलवे स्टेशनों के मध्य सीआरएस स्पेशल ट्रेन 120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ाकर सफल ट्रायल लिया।
सीआरएस स्पेशल शाम 6.15 बजे गोविंदी मारवाड़ से रवाना होकर 6.23 बजे नावा सिटी पहुंच गई। सफल रन ट्रायल से मंडल के अधिकारियों व कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने कहा कि इसके साथ ही राइकाबाग से फुलेरा स्टेशनों के बीच 250 किमी मार्ग का दोहरीकरण कार्य पूरा करवा लिया गया है तथा इससे अब ट्रेनों का संचालन सुगम होगा तथा ट्रेनें क्रॉसिंग में लेट नही होगी।
इससे पहले संरक्षा आयुक्त ने नावा सिटी रेलवे स्टेशन पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग में रेल दोहरीकरण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की तथा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। बाद में उन्होंने मोटर ट्रॉली से नावा सिटी से गोविंदी मारवाड़ रेलवे स्टेशनों के बीच दोहरीकरण कार्य का बारीकी से निरीक्षण किया।
*अधिकारी जो थे साथ*
इस दौरान उनके साथ डीआरएम पंकज कुमार सिंह,मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) वेदप्रकाश,चीफ इंजीनियर(टेरिटोरियल) अतुल गुप्ता,चीफ इंजीनियर (निर्माण) एस एल मीणा,मुख्य परिचालन प्रबंधक विवेक रावत,मुख्य बिजली इंजीनियर (निर्माण)विश्वेश्वर दयाल,मुख्य बिजली इंजीनियर (वितरण)जगदीश चौधरी,वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अजीत मीणा, वरिष्ठ मंडल संकेत व दूरसंचार इंजीनियर सुरेश नेहरा,वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर विजय चौधरी,वरिष्ठ मंडल इंजीनियर(पूर्व) मनोहर सिंह,सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह सोलंकी सहित अनेक अधिकारी व निरीक्षक थे।



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